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Sunday, May 31, 2020

Miracles_Of_GodKabir

कबीर साहेब जी के चमत्कार

शेखतकी का कहना था कि अगर कबीर अल्लाह है, तो किसी मुर्दे को जीवित कर दे तो अल्लाह मान लूंगा। सुबह एक 10-12 वर्ष की आयु के लड़के का शव पानी में तैरता हुआ आ रहा था। शेखतकी ने जंत्र-मंत्र से प्रयत्न किया लेकिन लड़का जीवित नहीं हुआ। तब कबीर साहेब ने कहा कि हे जीवात्मा जहाँ भी है, कबीर हुक्म से मुर्दे में प्रवेश कर और बाहर आ। इतना कहा ही था कि शव में कम्पन हुई तथा जीवित होकर बाहर आ गया।
जगन्नाथ पुरी में एक रामसहाय पाण्डा खिचड़ी का प्रसाद उतार रहा था। गर्म खिचड़ी उसके पैर पर गिर गई। उस समय कबीर जी अपने करमण्डल से हिम जल रामसहाय पाण्डा के पैर पर डाला। उसके तुरंत बाद राहत मिलते ही पैर ठीक हो गया। उस समय कबीर जी ना होते रामसहाय पाण्डा का पैर जल जाता।
गरीबदास जी देते हैं -
पग ऊपरि जल डालकर, हो गये खड़े कबीर। गरीबदास पंडा जरया, तहां परया योह नीर।।
जगन्नाथ जगदीश का, जरत बुझाया पंड। गरीबदास हर हर करत, मिट्या कलप सब दंड।।
जगन्नाथ पुरी में एक रामसहाय पाण्डा खिचड़ी का प्रसाद उतार रहा था। गर्म खिचड़ी उसके पैर पर गिर गई। उस समय कबीर जी अपने करमण्डल से हिम जल रामसहाय पाण्डा के पैर पर डाला। उसके तुरंत बाद राहत मिलते ही पैर ठीक हो गया। उस समय कबीर जी ना होते रामसहाय पाण्डा का पैर जल जाता।
गरीबदास जी देते हैं -
पग ऊपरि जल डालकर, हो गये खड़े कबीर। गरीबदास पंडा जरया, तहां परया योह नीर।।
जगन्नाथ जगदीश का, जरत बुझाया पंड। गरीबदास हर हर करत, मिट्या कलप सब दंड।
एक बार कबीर परमेश्वर जी और गोरखनाथ जी की गोष्ठी हुई। गोरखनाथ जी गंगा नदी की ओर चल पड़ा। उसमें जा कर छलांग लगाते हुए कबीर जी से कहा कि मुझे ढूंढ दो मैं आपका शिष्य बन जाऊँगा। गोरखनाथ मछली बन कर गए। कबीर साहेब ने उसी मछली को पानी से बाहर निकाल कर सबके सामने गोरखनाथ बना दिया। तब गोरखनाथ कबीर जी के शिष्य बने
सिकंदर लोधी ने एक गऊ के तलवार से दो टुकड़े कर दिये। गऊ को गर्भ था और बच्चे के भी दो टुकड़े हो गए। 
तब सिकंदर लोधी राजा ने कहा कि कबीर, यदि तू खुदा है तो इस गऊ को जीवित कर दे अन्यथा तेरा सिर भी कलम कर (काट) दिया जाएगा। साहेब कबीर ने एक बार हाथ गऊ के दोनों टुकड़ों को लगाया तथा दूसरी बार उसके बच्चे के टुकड़ों को लगाया। उसी समय दोनों माँ-बेटा जीवित हो गए। साहेब कबीर ने गऊ से दूध निकाल कर बहुत बड़ी देग (बाल्टी) भर दी
तथा कहा - 
गऊ अपनी अम्मा है, इस पर छुरी न बाह। 
गरीबदास घी दूध को, सब ही आत्म खाय।
चुटकी तारी थाप दे, गऊ जिवाई बेगि।
गरीबदास दूझन लगी, दूध भरी है देग।
परमात्मा कबीर ने अपने भक्त की कटी हुई गर्दन वापिस जोड़ दी थी।
 आओ सेउ जीम लो,यह प्रसाद प्रेम।
 सिर कटते हैं चोरों के,साधों के नित्य क्षेम।।
 ऐसी-2 बहुत लीलाएँ साहेब कबीर (कविरग्नि) ने की हैं जिनसे यह स्वसिद्ध है कि ये ही पूर्ण परमात्मा हैं। सामवेद संख्या नं. 822 तथा ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 162 मंत्र 2 में कहा है कि कविर्देव अपने विधिवत् साधक साथी की आयु बढ़ा देता है

 शेखतकी मुस्लिम पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी जगह झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी तीन दिन का भंडारा करेंगे, सभी आना। भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने तीन दिन का मोहन भंडारा कराया और लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हुए।

जब कबीर साहेब का नाम रखने के लिए कुरान शरीफ पुस्तक को काज़ी ने खोला। प्रथम नाम ‘‘कबीरन्’’ लिखा था। काजियों ने सोचा इस छोटे जाति वाले का कबीर नाम रखना शोभा नहीं देगा। पुनः कुरान शरीफ खोली तो उसमें सर्व अक्षर कबीर-कबीर-कबीर-कबीर हो गए। कबीर परमेश्वर शिशु रूप में बोले मैं कबीर अल्लाह अर्थात् अल्लाहु अकबर, हूँ। मेरा नाम ‘‘कबीर’’ ही रखो।
सकल कुरान कबीर है, हरफ लिखे जो लेख।
काशी के काजी कहै, गई दीन की टेक।

शेखतकी ने कबीर साहेब को कहा कि अगर आप अल्लाह हो तो मेरी इस मृत लड़की को जीवित कर दो तब कबीर साहेब ने शेखतकी की मृत लड़की को जीवित कर किया था और उस लड़की का नाम कमाली रख दिया था।

जब जर्जर हुई झोपड़ी की छत को सही करने में लिए माता ने नामदेव को घास फूस लाने भेजा, तो रास्ते में सत्संग सुनने की वजह से और कुल्हाड़ी लगने से जब नामदेव घास फूस की व्यवस्था नहीं कर पाया और खाली हाथ घर लौटा तो नामदेव के रूप में कबीर जी झोपड़ी की छत डाल गए।

जब बालक कबीर को दूध पिलाने की कोशिश में नीरू नीमा असफल रहे। तब कबीर साहेब ने कहा कुँवारी गाय ले आओ मैं उसका दूध पीऊँगा। ऐसा ही हुआ।
ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा अमर पुरुष जब लीला करता हुआ बालक रूप धारण करके स्वयं प्रकट होता है तब कुँवारी गाय अपने आप दूध देती है जिससे उस पूर्ण प्रभु की परवरिश होती है।

शिशु रूपधारी कबीर देव की सुन्नत करने के लिए जब नाई कैंची लेकर गया तो परमेश्वर ने अपने लिंग के साथ एक लिंग और बना लिया। फिर उस सुन्नत करने को तैयार व्यक्ति की आँखों के सामने तीन लिंग और बढ़ते दिखाए कुल पाँच लिंग एक बालक के देखकर वह सुन्नत करने वाला आश्चर्य में पड़ गया।  शिशु को बोलते सुनकर तथा पाँच लिंग बालक के देख कर नाई ने अन्य उपस्थित व्यक्तियों को बुलाकर वह अद्धभुत दृश्य दिखाया। सर्व उपस्थित जन समूह यह देखकर अचम्भित हो गया। 

 स्वामी रामानंद जी विष्णु जी की काल्पनिक मूर्ति बनाकर मानसिक पूजा करते थे। एक समय ठाकुर की मूर्ति पर माला डालनी भूल गए। तब कबीर परमात्मा जो कि 5 वर्ष के बालक की लीला कर रहे थे बोले कि माला की गांठ खोल कर गले में डाल दो स्वामी जी, पूजा खंडित नहीं होगी। तब रामानंद जी जो पर्दे के भीतर मन में पूजा कर रहे थे, कबीर परमात्मा को सबके सामने गले लगा लिया।
मन की पूजा तुम लखी मुकुट माल परवेश। 
गरीबदास गति कौ लखै, कौन वरण क्या भेष।।

महर्षि सर्वानन्द की माँ शारदा का रोग ठीक करना"
एक सर्वानन्द नाम के महर्षि थे। उसकी आदरणीय माता श्रीमती शारदा देवी पाप कर्म फल से पीडि़त थी। उसने कबीर परमात्मा से उपदेश प्राप्त किया तथा उसी दिन कष्ट मुक्त हो गई। 
क्योंकि पवित्र यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32
में लिखा है कि ‘‘कविरंघारिरसि‘‘ अर्थात् (कविर्) कबीर (अंघारि) पाप का शत्रु (असि) है। फिर इसी पवित्र यजुर्वेद अध्याय 8 मंत्र 13 में लिखा है कि परमात्मा (एनसः एनसः) अधर्म के अधर्म अर्थात् पापों के भी पाप घोर पाप को भी समाप्त कर देता है।

एक बार गोरखनाथ जी जब कबीर परमेश्वर जी के साथ ज्ञान गोष्ठी कर रहे थे तो गोरखनाथ जी कबीर जी के सामने 5-6 फुट का त्रिशूल जमीन में गाड़कर उस पर बैठ गये और कहा कि यदि वार्ता करनी है तो मेरे साथ आकर बैठो।
कबीर जी ने एक धागे की रील आसमान में उछाली और 150 फुट की ऊंचाई पर धागे के अंतिम सिरे पर जाकर बैठ गए।
गोरखनाथ जी देखते रह गए।

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🔴🔴अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे जगत गुरु रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन साधना tv पर रात्रि 7:30 से 8:30  तक।


Saturday, May 30, 2020

#52_Cruelities_On_GodKabir


कबीर साहेब जी पूर्ण परमात्मा थे वो स्वयम सतलोक का भेद देने के लिए पृथ्वी पर आए थे,
कबीर जी के सत्य ज्ञान रोकने के लिए अनेको बार उन जानलेवा हमले हुए लेकिन कबीर जी समर्थ स्वामी हैं उनको कुछ हुआ
कबीर साहब को सरसों के गर्म तेल के कढ़ाई में डालकर मारने की असफल कोशिश। अधिक जानकारी के लिए देखिए संत रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन प्रतिदिन ईश्वर 📺 8:30 PM Daily

खूनी हाथी से मरवाने की व्यर्थ चेष्टा
शेखतकी के कहने पर दिल्ली के बादशाह सिकंदर लोधी ने कबीर परमेश्वर को खूनी हाथी से मरवाने की आज्ञा दे दी। शेखतकी ने महावत से कहकर हाथी को एक-दो शीशी शराब की पिलाने को कहा।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वो परमात्मा थे

शेखतकी के आदेश से कबीर भगवान के ऊपर पत्थर मार तीर चलाये तोप के गोले दागे ओर पत्थर बांध के पानी मे डुबाया लेकिन फिर भी वो नही मरे क्यो की वो कबीर भगवान है लोग नही समजे की ये कोई अल्लहा व भगवान है।
कबीर साहेब सिकंदर लोधी के दरबार में बैठकर सत्संग कर रहे थे तब शेखतकी ने सिपाही से कहा कि लोहे को गर्म करके पिघलाकर पानी की तरह बनाओ और कबीर साहेब पर डालो। ठीक ऐसा ही हुआ जब लोहा गर्म करके पिघलाकर कबीर साहेब पर डाला तब वह फूल बन गये


कबीर परमात्मा पूर्ण परमात्मा है
जिनको मारने के लिए शेख़ तकी का हर प्रयत्न असफल रहा 
अधिक जानकारी के लिए 
देखिये साधना tv 7:30 pm से 

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True knowledge

#कबीरपरमेश्वर_सशरीर_सतलोक_गए
पूर्ण परमात्मा धरती पर सशरीर आते हैंऔर  सशरीर ही वापस जाते हैं।

 विस्तार से जानने के लिए देखिए साधना चैनल 7:30pm
मगहर में परमात्मा का चमत्कार!
कबीर परमेश्वर जी के अद्भुत चमत्कार जैसे अकाल से बचाना, सूखी आमी नदी बहाना, सशरीर सतलोक जाना आदि देखकर तथा उनके‌ द्वारा दिए तत्वज्ञान का‌ अनुसरण करके मगहर के सर्व हिंदू-मुसलमान आज भी विशेष प्रेम से रहते हैं।
कबीर परमात्मा द्वारा शिवजी के श्राप से सूखी नदी में जल बहाना
मगहर में पहुंचते ही परमात्मा कबीर जी ने जब बहते पानी में स्नान करने की इच्छा जताई तो बिजली खां ने कहा कि यहां एक आमी नदी है जो शिवजी के श्रार से सुखी हुई है 
मगहर मे सूखी नदी मे पानी बहाना मगहर के समीप एक आमी नदी बहती थी,
वह भगवान शंकर जी के श्राप से सूख गई थी,
पूर्ण ब्रह्म कबीर साहेब जी ने उसी समय अपनी शक्ति से उसमे पानी भर चलाया,
वो आमी नदी आज भी प्रमाण के तौर पर बह रही है ।

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Tuesday, May 19, 2020

True knowledge

संत रामपाल जी महाराज जी का मुख्य उद्देश्य⬇️

संत रामपाल जी महाराज जी एक महान संत है इनका उद्देश्य काल के जाल में कष्ट पा रही सभी आत्माओ को सर्व सुखदाय परमात्मा से मिलाना ओर सतलोक अमरलोक लेकर जाना है जहां किसी प्रकार कोई दुख नही है जो हमेशा कुशाल जीवन प्रधान करेगा।।

समाज सुधार में योगदान
#सच होगा सबका #सपना
      #नशा मुक्त होगा #भारत अपना .....
         संत #रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान से आज हम देख रहे हैं संत रामपाल जी महारज के तत्वज्ञान को सुनकर समझकर उनके शिष्य नशे को हमेशा के लिए अलविदा कर दिए संत रामपाल जी महाराज जी की दया से मुक्त है#ThursdayThoughts
#नशा मुक्त भारत


संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुनने मात्र से इंसान नशा करना छोड़ देता है जो इंसान लगातार एक महीने में संत रामपाल जी महाराज का सत्संग सुन ले तो इंसान किसी को नशा करने के बारे में बोल भी नहीं सकता इसलिए आप भी यदि फ्री में नशा छोड़ना चाहते है 
#नशा मुक्त भारत
संत रामपाल जी महाराज द्वारा दिये गए जा रहे अतभुत आध्यात्मिक ज्ञान से प्रभावित होकर देश की जनता नशा, मांशाहार ,शराब आदि बुराइयों से कोसों दूर हो रही हैं?


दहेज ने लोगों की जिंदगी को तबाह कर दिया है,आजकल लोग शादी नहीं सौदा करते हैं और इस सौदेबाजी को रोकने के लिए समाज सुधारक संत संत रामपाल जी महाराज में दहेज मुक्त विवाह की पहल शुरू की है आपभी संत रामपाल जी महाराज के इस कार्य में सहयोग करें
दहेज मुक्त हो भारत अपना
#दहेज वाली शादियां के कितने सफल हुई है दहेज में लेना और देना दोनों पाप बताया है इसलिए अब दहेज मुक्त भारत संत रामपाल जी महाराज जी के द्वारा पूरा होगा
दहेज_मुक्त_भारत

जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा ।हिन्दु मुसलिम सिक्ख ईसाई धर्म नहीं कोई न्यारा।।
सच्चा सतगुरु वही होता है जो समाज से जाति व धर्म का भेद मिटाता है और वह संत केवल Sant Rampal Ji Maharaj ही है जो समाज से सभी बुराईयों को खत्म करेंगे।

संत रामपाल जी महाराज जी ने समाज सुधार के अनेको कार्यो में जनता का हित किया है जिस कार्य को करने में सरकार तक के पसीने छूट गए संत रामपाल जी महाराज जी ने वो काम सतभक्ति सत्यज्ञान बता कर आसानी से छुटकारा दिला दिया।।कोई भी सरकार भारत को #नशा मुक्त नही कर सकी,और यह काम सतगुरू संत रामपाल जी महाराज जी ने करके लाखों लोगों को नशे से पूरी तरह से दूर कर दिया हैं

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Thursday, May 14, 2020

Resurgence of india

भारत की शिक्षा परंपरा विश्व मै प्राचीनतम और श्रेष्ठतम रही है| गुरुकुल, आश्रम विधापीठ एवं छोटे छोटे प्राथमिक विधालयों मै जीवन का सर्वतोमुखी विकास होता था और व्यक्ति का तथा राष्ट्र का जीवन सुख, समृध्धि, संस्कार एवं ज्ञान से परिपूर्ण होता था| विश्व भी उससे लाभान्वित होता था| इन विधाकेन्द्रो का आदर्श लेकर पुनरुत्थान विधापीठ कार्यरत होगा|भारत के पुनरुत्थान हेतु आयोजित होने वाले उस तीन दिवसीय बौद्धिक उद्यम की सुगबुगाहट सुनाई पडने लगी है , जो वास्तव में भारत की भवितव्यता के आकार लेने की आहट है । जी हां ! वही भवितव्यता, जिसे महर्षि अरविन्द व युग-ऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य ने चेतना के सर्वोच्च स्तर पर जा कर अपनी-अपनी दिव्य-दृष्टि से काल के भावी प्रवाह का अवलोकन कर वर्षों पूर्व ही उदघाटित कर रखा है कि २१वीं सदी का प्रथम दशक बीतने के साथ ही भारतीय ज्ञान-विज्ञान का नवोन्मेष आरम्भ हो जाएगा और फिर आने वाले दशकों में भारत अपनी समस्त सांस्कृतिक-आध्यात्मिक समग्रता के साथ सारी दुनिया पर छा जाएगा तथा सम्पूर्ण विश्व-वसुधा का नेतृत्व करेगा
भारत के पुनरुत्थान को शासनिक आकार देने के बावत सुनियोजित उस गुरुकुल-सम्मेलन के सफल आयोजन हेतु वेद-विदित शिक्षा-दर्शन से युक्त देश-विदेश के १५ गुरुकुलों की एक समिति बनायी गई है । किन्तु उस पूरे कार्यक्रम का उत्प्रेरक आख्यान अहमदाबाद के सबरमति-स्थित हेमचन्द्राचार्य संस्कृत पाठशाला नामक ‘गुरूकुलम’ से जुडा हुआ है, जो प्राचीन भारतीय शिक्षा-पद्धति की एक ऐसी अभिव्यक्ति है , जहां बच्चों को ‘महामानव’ और ‘अतिमानव’ बनाने का प्रयोग चल रहा हैभारत के उस प्राचीन ज्ञान-विज्ञान के उन्नयन-संवर्धन का मार्ग प्रशस्त होगा, जिस पर चलते हुए यह राष्ट्र कभी परम वैभव को प्राप्त किया हुआ था और आगे भी उसी मार्ग से उस अवस्था को प्राप्त कर सकता है । साथ ही यह भी कि उपरोक्त ‘ऋषि-द्वय’ की उदघोषाओं के अनुसार भारत के पुनरुत्थान की सूक्ष्म योजनाओं को स्थूल आकार देना , हमारे देश के राजनीति-नियंताओं की प्राथमिकताओं में शामिल हो कर रहेगा ।

कैसे होगा भारत का पुनरुत्थान


भारत फिर से सोने की चिड़िया होगा।
Saint Rampal Ji Maharaj जी के नेतृत्व में अब वो समय आ गया है 
देश में सत्ययुग का  पुनरुत्थान होगा। भारतवासी सुख का जीवन जीऐंगे।एक अधेड़ उम्र का सायरन भारत ही नहीं सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग लेकर आएगा और सनातन धर्म का पुनरुत्थान करेगा।
Saint Rampal Ji Maharaj सभी धर्मों को एक करके सभी देशों को आपसी भाईचारे से रहना सिखाएंगेठहरो स्वर्ण युग आया रहा है। एक अजोड़ महासत्ता अधिकारी भारत ही नहीं सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग लाएगा और अपने सनातन धर्म का पुनरुत्थान करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनाएगा।


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🔴🔴अधिक जानकारी के लिए आप साधना टीवी पर रात्रि 7:30 से 8:30 तक सत्संग जरूर सुने तथा अनमोल पुस्तक ज्ञानगंगा मंगवाए तथा जीने की राह पुस्तक भी आप मंगवा सकते हैं इसे पढ़कर आप इस तत्वज्ञान को समझ सकते हैं तथा निशुल्क नाम दीक्षा लेकर अपना कल्याण करवा सकते हैं

Wednesday, May 13, 2020

How will the treatment of life-threatening diseases

#सतभक्ति_से_दुख_दूर
 सत भक्ति से कैंसर जैसी लाइलाज बीमारियां भी दूर हो रही है आप भी सतभक्ति  करें और अपने जीवन के दुखों से छुटकारा पाएं
अधिक जानकारी के लिए 
देखिये साधना tv 7:30 pm से 
परमात्मा की सतभक्ति मर्यादा में रहकर करने से कैंसर, एड्स जैसी बीमारी भी ठीक होती हैं।
आज तक सभी संत महंत मंडलेश्वर ने यही कहा कि "कर्म तो भोगने ही पड़ेंगे"
विचार करे जब कर्म भोगने ही है तो भक्ति करने का क्या उदेश्य है ?
सच यह है कि वेद कहते है "परमात्मा पाप कर्म को भी काट देता है"और उस परमात्मा की भक्ति इस समय केवल SaintRampalJiMaharaj ही दे रहे हैं
सतभक्ति करने से इस दुःखों के घर संसार से पार होकर वह परम शान्ति तथा शाश्वत स्थान (सनातन परम धाम) प्राप्त हो जाता है (जिसके विषय में गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में कहा है) जहाँ जाने के पश्चात् साधक फिर लौटकर संसार में कभी नहीं आता।
सत भक्ति करने से लाइलाज बीमारी से छुटकारा पूर्ण मोक्ष मिल सकता है पूर्ण परमात्मा की भक्ति से ही संभव है
सतभक्ति करने वाले की पूर्ण परमात्मा आयु बढ़ा सकता है और कोई भी रोग को नष्ट कर सकता है।
- ऋग्वेद मण्डल 10 सुक्त 161 मंत्र 2, 5, सुक्त 162 मंत्र 5, सुक्त 163 मंत्र 1 - 3

सतभक्ति लाभ👇
 पूर्व जन्मों के पाप कर्मों से अत्यधिक दुख सहन करना पड़ता है और पूर्ण परमात्मा की सद्भक्ति से यही पाप कर्म नष्ट हो जाते और पूर्ण सुख मिलता है 👇👇

गेर सरकारी संस्थाओं ने की मदद


राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने कहा कि चार अप्रैल को गठित 'हैप्पी टू हेल्प' कार्य बल पुलिस और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) की मदद से करीब 90 बुजुर्ग परिवारों तक पहुंचा है. इसने उन्हें भोजन, दवा और चिकित्सीय सहायता उपलब्ध कराई है

गरीबों की मदद


बहुत से लोग गरीबो की मदद के लिए आगे आये है।गरीबो को राशन बाटा गया खाना दिया गया।फ्री मश्क बाटे गए।फ्री सब्जियां दी गयी। लोगो को अपने घर भीजवाया गया




कैसे होगा सुधार

भारत को हमेशा से ही एक भगति के लिए जाना जाता है। बीमारियों से लड़ने के लिए हमें भी भगति करना जरूरी है। भगति से ही मानव का कल्याण होता है।संत रामपाल जी के अनुयायियों ने लोगो को रहने की जगह दी फ्री खाना खिलाया गया व राशन बाटा गया। संत रामपाल जी महाराज जी की कृपा से भगतो ने जाम कर सेवा की। जो संत लोगो के नशे छुड़ाते है,अभी तक हजारो दहेज मुक्त शादिया कराई,हमेशा लोगो का भला किया सरकार ने उस संत को जेल में दाल दिया। सैट भगति बताना गलत नही।आज के समय मे सब अपना अच्छा बुरा जानते है पढा लिखा समाज है अपने सत गर्न्थो के अनुसार भगती कर के लाभ उठा रहे है।संत रामपाल जी महाराज जी से नाम लेने से ही लोगो की लाइलाज बीमारी भी खत्म हो रही है
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Friday, May 8, 2020

एक कदम सफलता की ओर

अपनी मंजिल पर पहुंचने से पहले अगर हम हार मान ले रहे हैं, तो हम सचमुच हार गए। लेकिन अपनी मंजिल के लिए जब जूझते हैं, बार-बार गिर कर खड़े होते हैं तो हमारा आत्मविश्वास कई गुना बढ़ जाता है। इसके बाद जब मंजिल मिलती है, तो उसकी खुशी कई गुना होती है। इसलिए आपकी जीत या हार को कोई और तय नहीं कर सकता है। यह खुद आपके ऊपर निर्भर करता है। यही बात इस कहानी में भी बताई गई है। 
एक शहर में राहुल नाम का एक लड़का रहता था जो जीवन में हार मान चुका था। वह जिंदगी में जो कुछ भी करता था, उसको अपनी हार पहले ही नजर आ जाती थी। स्कूल में अध्यापक और अन्य विद्यार्थी भी उसकी मजाक उड़ाते थे। वह अंधेरे कमरे में अक्सर रोता रहता था। 

एक दिन उसकी सिसकियां सुनकर एक अंधा आदमी उसके पास आया और पूछा, ‘तुम क्यों रो रहे हो’। राहुल ने उस आदमी को सारी बात बताई। यह सुनकर वह आदमी जोर से हंसा और बोला, तुम्हें पता है, ‘जब मैं पैदा हुआ और लोगों ने देखा कि इस बच्चे की तो आंखें ही नहीं है, तो उन्होंने मेरे माता-पिता को मुझे मार देने की सलाह दी’। लेकिन मेरे माता-पिता ने उन लोगों की सलाह नहीं मानी।
उन्होंने मुझे एक विशेष स्कूल में भेजा और  मुझे पढ़ाया-लिखाया। जब मैं कॉलेज में एडमिशन लेने गया तो कॉलेज प्रशासन ने मेरा एडमिशन करने से मना कर दिया। फिर मैंने विदेशी विश्वविद्यालय का फॉर्म भरा और एमआईटी की स्कॉलरशिप पर ग्रैजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएशन की डिग्री ली| लेकिन जब मैं वापस आया तो फिर मुझे महसूस हुआ कि नेत्रहीन होने के कारण मुझे कोई नौकरी नहीं देना चाहता। फिर मैंने अपनी कंपनी शुरू की। इसलिए नहीं कि मेरे पास बहुत पैसा था या मेरे पास कोई अनोखा आईडिया था। मैंने कंपनी इसलिए शुरू की क्योंकि मेरे पास और कोई चारा ही नहीं था। लेकिन आज मुझे खुशी है कि आज मैं अपनी कंपनी के जरिए मेरे जैसे 5000 लोगों को नौकरी दे पाया हूं।

आदमी की बात को सुनकर राहुल ने पूछा आप की कहानी से मेरा क्या वास्ता? वह आदमी बोला, जैसे आज लोग तुम्हारी हंसी उड़ाते हैं, वैसे ही जिंदगी भर लोगों ने मेरी भी निंदा की, मेरा भी मजाक उड़ाया। लेकिन मैंने खुद को कभी कमजोर नहीं समझा। जब दुनिया मुझे नीची नजरों से देखती थी और यह कहती थी कि तुम जिंदगी में कुछ नहीं कर सकते। तब मैं उनकी आंखों में आंखें डाल कर बोलता था कि मैं कुछ भी कर सकता हूं। जैसे मैंने इतना सब कुछ किया वैसे ही तुम भी बहुत कुछ कर सकते हो। इसलिए हिम्मत मत हारो। दुनिया क्या कहती है, इस बात की परवाह मत करो।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है : 
- दुनिया आपको कैसे देखती है यह महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन आप खुद को कैसे देखते हैं, यह सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
- जीवन में जीत और हार आपकी सोच पर ही निर्भर करती है, मान लो तो हार है और ठान लो तो जीत है

Http://WWW.jagatgururampalji.org

Thursday, May 7, 2020

Benefits of exercise

योग हमारे समाज में बहुत पुरानी धरोहर है । जब तक हम योग को अपने जीवन में अपनाते रहेंगे तब तक हमअवसाद, चिंता, मोटापा, ऐसी कई सारी बीमारियां मनोविकार आदि से दूर रहेंगे । हमारे जीवन में योग का महत्व कभी समाप्त नहीं हुआ है।

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 विशेष रूप से योग हमारे शरीर में मानसिक स्पष्टता और शांति बनाता है जिससे हमारे मन को आराम मिलता है कुछ ऐसी बीमारियां जो आज हमारे जीवन शैली में सामान्य है । उन से भी छुटकारा पाने में योग हमारी मदद करता है । विश्व में हर साल 21 जून का दिन विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है । 2014 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व योग दिवस मनाने की घोषणा की थी । योग की महत्ता को सराहते हुए हमारे भारत के प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के द्वारा साल 2015 में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी।
: मूल रूप से योग ना केवल व्यायाम का एक रूप है । बल्कि स्वास्थ्य खुशहाल और शांतिपूर्ण तरीके से जीने का प्राचीन ज्ञान है । यदि हम नियमित रूप से योग का अभ्यास करेंगे तो शरीर में सकारात्मक बदलाव हो सकेंगे जिससे हमारे शरीर की मांसपेशियां मजबूत होगी लचीलापन होगा धैर्य धारण करने की क्षमता बढ़ेगी तथा अच्छा स्वास्थ्य होगा।

For more information, please watch Sadhana TV from 7.30 pm to 8.30 pm.



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Wednesday, May 6, 2020

नशा शरीर का नाश करता h

नशा शरीर का नाश करता है
इसे तुरंत त्यागे
और अपने मनुष्य जीवन का सही उपयोग करें

watch Ishavar Tv at 8:30 pm daily.
कबीर परमात्मा करते हैं 
"मदिरा पीवे कड़वा पानी 
70 जन्म स्वान के जानी"
अर्थात शराब पीने वाले को 70 जन्म तक कुत्ते की योनि प्राप्त होती है 
अब आप स्वयं विचार करें क्या आप इस बात इस नर्क में 
पड़ना चाहेंगे
शराब में तंबाकू या अन्य विकार करने वाले व्यक्ति
 का अंत बहुत ही बुरा होता है इसीलिए 
इस विकार को तुरंत त्यागे और अपना मनुष्य जीवन सफल बनाएं
सतभक्ति से मोक्ष   मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए भक्ति ज़रूरी है।   सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं।सतभक्ति से जीवन सुखीभक्ति करने से आने वाली आपदाएं दूर होती हैं।   सतभक्ति से इंसान इस जीवन में भी सुखी रहता है व उसको मृत्यु के पश्चात भी सही ठिकाना मिल जाता है।भक्ति करने से आने वाली आपदाएं दूर होती हैं।

सतभक्ति से मोक्ष   मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए भक्ति ज़रूरी है।   सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं। हैं। सतभक्ति से जीवन सुखी   सतभक्ति से इंसान इस जीवन में भी सुखी रहता है व उसको मृत्यु के पश्चात भी सही ठिकाना मिल जाता है।भक्ति करने से आने वाली आपदाएं दूर होती हैं।
सतभक्ति से मोक्ष
  मानव जीवन में सतभक्ति नहीं की तो परमात्मा के विधान अनुसार चौरासी में महाकष्ट उठाना पड़ता है। सतभक्ति पूर्ण सन्त ही बताते हैं।
जन्म मरण के चक्र से छूटने के लिए भक्ति ज़रूरी है।
  सच्ची भक्ति अपनाएं, मोक्ष कराएं।