शिवरात्रि का व्रत कितना लाभदायक है?
लोकवेद दंत कथा के आधार पर विवरण
मान्यता है कि जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन जहां- जहां भी शिवलिंग स्थापित है, उस स्थान पर भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है। इसलिए शिव की पूजा के साथ शिवलिंग की भी विशेष आराधना करने की परंपरा है। शिव अपने भक्तों को सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं।
पवित्र सद्ग्रन्थों के अनुसार
श्री ब्रम्हा विष्णु महेश जी तीनो श्री देवी दुर्गा जी के पुत्र है और इनके पिता ज्योति निरंजन काल है।।
श्री शिव जी तीन लोक के मालिक है, ये सर्वशक्तिमान परमात्मा नही है ये केवल निमयानुसार कार्य ही कर सकते हैं जिसके भाग्य में जो लिखा है वो ही दे सकते हैं, उससे अधिक ओर कम ये नही कर सकते हैं।।
प्रमाण देखिए देवीभागवत से-👇
🔆 पवित्र गीता जी के अध्याय 6 के श्लोक 16 मे गीता ज्ञान देने वाले भगवान कह रहे हैं कि अर्जुन - ये साधना भक्ति योग, न तो ज्यादा खाने वाले कि सफल हैं और न बिल्कुल न खाने वाले कि मतलब व्रत करना गीता जी मे मना किया है।।
व्रत करना शास्त्रविरुद्ध साधना है इसे करने में भूखे मरने में कोई लाभ नही है भक्ति मार्ग में, अगर भूखे मरने से ही भगवान की प्राप्ति हो तो जब अकाल पड़ता है तब क्यो लोग मरते है।।
▶️▶️ अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे