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Wednesday, July 15, 2020

शिवरात्रि का व्रत कितना लाभदायक है?

शिवरात्रि का व्रत कितना लाभदायक है?

लोकवेद दंत कथा के आधार पर विवरण

मान्यता है कि जो भी जातक महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं उन्हें नरक से मुक्ति मिलती है और आत्मा की शुद्धि होती है। इस दिन जहां- जहां भी शिवलिंग स्थापित है, उस स्थान पर भगवान शिव का स्वयं आगमन होता है। इसलिए शिव की पूजा के साथ शिवलिंग की भी विशेष आराधना करने की परंपरा है। शिव अपने भक्तों को सच्चे दिल से आशीर्वाद देते हैं।

पवित्र सद्ग्रन्थों के अनुसार
श्री ब्रम्हा विष्णु महेश जी तीनो श्री देवी दुर्गा जी के पुत्र है और इनके पिता ज्योति निरंजन काल है।।

श्री शिव जी तीन लोक के मालिक है, ये सर्वशक्तिमान परमात्मा नही है ये केवल निमयानुसार कार्य ही कर सकते हैं जिसके भाग्य में जो लिखा है वो ही दे सकते हैं, उससे अधिक ओर कम ये नही कर सकते हैं।।

प्रमाण देखिए देवीभागवत से-👇


🔆 पवित्र गीता जी  के अध्याय 6 के श्लोक 16 मे गीता ज्ञान देने वाले भगवान कह रहे हैं कि अर्जुन - ये साधना भक्ति योग, न तो ज्यादा खाने वाले कि सफल हैं और न बिल्कुल न खाने वाले कि मतलब व्रत करना गीता जी मे मना किया है।।

व्रत करना शास्त्रविरुद्ध साधना है इसे करने में भूखे मरने में कोई लाभ नही है भक्ति मार्ग में, अगर भूखे मरने से ही भगवान की प्राप्ति हो तो जब अकाल पड़ता है तब क्यो लोग मरते है।।

▶️▶️ अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे 

जगत गुरु तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन साधना tv रात्रि 7:30 से 8:30 तक।।


Wednesday, July 8, 2020

संत रामपाल जी महाराज जी के संघर्ष की कहानी

संत रामपाल जी महाराज जी के संघर्ष की कहानी


संत रामपाल जी महाराज जी की जीवनी
🔆 रामपाल जी का जन्म 8 सितम्बर 1951 को गांव धनाना जिला सोनीपत हरियाणा में एक किसान परिवार में हुआ। पढ़ाई पूरी करके हरियाणा प्रांत में सिंचाई विभाग में जूनियर इंजिनियर की पोस्ट पर 18 वर्ष कार्यरत रहे। सन् 1988 में परम संत रामदेवानंद जी से दीक्षा प्राप्त की तथा तन-मन से सक्रिय होकर स्वामी रामदेवानंद जी द्वारा बताए भक्ति मार्ग से साधना की तथा परमात्मा का साक्षात्कार किया।

संत रामपाल जी को नाम दीक्षा 17 फरवरी 1988 को फाल्गुन महीने की अमावस्या को रात्राी में प्राप्त हुई। उस समय संत रामपाल जी महाराज की आयु 37 वर्ष थी। उपदेश दिवस (दीक्षा दिवस) को संतमत में उपदेशी भक्त का आध्यात्मिक जन्मदिन माना जाता है।


संत रामपाल जी महाराज जी को नाम दान का आदेश प्राप्त होना

🔆 सन् 1993 में स्वामी रामदेवानंद जी महाराज ने आपको सत्संग करने की आज्ञा दी तथा सन् 1994 में नामदान करने की आज्ञा प्रदान की। भक्ति मार्ग में लीन होने के कारण जे.ई. की पोस्ट से त्यागपत्र दे दिया जो हरियाणा सरकार द्वारा 16.5.2000 को पत्र क्रमांक 3492-3500, तिथि 16.5.2000 के तहत स्वीकृत है। सन् 1994 से 1998 तक संत रामपाल जी महाराज ने घर-घर, गांव-गांव, नगर-नगर में जाकर सत्संग किया। बहु संख्या में अनुयाई हो गये। साथ-साथ ज्ञानहीन संतों का विरोध भी बढ़ता गया। सन् 1999 में गांव करौंथा जिला रोहतक (हरियाणा) में सतलोक आश्रम करौंथा की स्थापना की तथा एक जून 1999 से 7 जून 1999 तक परमेश्वर कबीर जी के प्रकट दिवस पर सात दिवसीय विशाल सत्संग का आयोजन करके आश्रम का प्रारम्भ किया तथा महीने की प्रत्येक पूर्णिमा को तीन दिन का सत्संग प्रारम्भ किया। दूर-दूर से श्रद्धालु सत्संग सुनने आने लगे तथा तत्वज्ञान को समझकर बहुसंख्या में अनुयाई बनने लगे। चंद दिनों में संत रामपाल महाराज जी के अनुयाइयों की संख्या लाखों में पहुंच गई। जिन ज्ञानहीन संतों व ऋषियों के अनुयाई संत रामपाल जी के पास आने लगे तथा अनुयाई बनने लगे फिर उन अज्ञानी आचार्यों तथा सन्तों से प्रश्न करने लगे कि आप सर्व ज्ञान अपने सद्ग्रंथों के विपरीत बता रहे हो।


संत रामपाल जी महाराज जी का नकली धर्म गुरुओं द्वारा विरोध

🔆संत रामपाल जी महाराज जी महऋषि दयानंद सरस्वती नामक एक धर्मगुरु के अज्ञान की पोल जनता तक ला दी, उसके द्वारा बताए गए दिशा निर्देशों को "सत्यार्थ-प्रकाश" नामक पुस्तक में लिखा गया, उस पुस्तक  की तुलना संत रामपाल जी महाराज जी ने वेदो से कर दी, जिससे कि दयानंद सरस्वती जी के अज्ञान की पोल खुल गई।।
ओर ऐसे ही सभी धर्मों के धर्म गुरुओं द्वारा बताए गलत शास्त्रविरुद्ध साधना को बंद करवा दिया, ओर उन नकली धर्म गुरु को ज्ञान में परास्त कर दिया।।



इस तरह के तर्क से निरूत्तर होकर अपने अज्ञान का पर्दा फास होने के भय से उन अंज्ञानी संतों, महंतों व आचार्यो ने सतलोक आश्रम करौंथा के आसपास के गांवों में संत रामपाल जी महाराज को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार करना प्रारम्भ कर दिया तथा 12.7.2006 को संत रामपाल को जान से मारने तथा आश्रम को नष्ट करने के लिए आप तथा अपने अनुयाइयों से सतलोक आश्रम पर आक्रमण करवाया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की जिस कारण से कुछ उपद्रवकारी चोटिल हो गये। सरकार ने सतलोक आश्रम को अपने आधीन कर लिया तथा संत रामपाल जी महाराज व कुछ अनुयाइयों पर झूठा केस बना कर जेल में डाल दिया। इस प्रकार 2006 में संत रामपाल जी महाराज विख्यात हुए। भले ही अंजानों ने झूठे आरोप लगाकर संत को प्रसिद्ध किया परन्तु संत निर्दोष है। प्रिय पाठको (नास्त्रोदमस) की भविष्यवाणी को पढ़कर सोचेगें कि संत रामपाल जी को इतना बदनाम कर दिया है, कैसे संभव होगा कि विश्व को ज्ञान प्रचार करेगा। उनसे प्रार्थना है कि परमात्मा पल में परिस्थिती बदल सकता है।

परमेश्वर कबीर जी अपने बच्चों के उद्धार के लिए शीघ्र ही समाज को तत्वज्ञान द्वारा वास्तविकता से परिचित करवाएंगे, 

फिर पूरा विश्व संत रामपाल जी महाराज के ज्ञान का लोहा मानेगा।

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे जगत गुरु रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन साधना tv पर रात्रि 7:30 से 8:30 तक

Visit- www.jagatgururampalji.org



Tuesday, July 7, 2020

असली ब्राह्मण कौन

असली ब्राह्मण कौन

🔰भारत मे जाति को लेकर बहुत विवाद रहा है भारत देश मे हिन्दू धर्म मे सर्व श्रेष्ठ माने जाने वाले ब्राह्मण जाति है




● इंसान किसी भी जाति धर्म या मजहब से महान नही बनता है,

असली ब्राह्मण कौन 

【कबीर परमात्मा कहते हैं- "ब्राम्हण वही जो ब्रह्म बिछाने"】


भावार्थ:-
ब्राह्मण वही है जो पूर्ण परमात्मा की पूर्ण जानकारी रखता हो, पवित्र धर्मो के सद्ग्रन्थों को मनाता हो और सभी गर्न्थो के आधार पर भक्ति देता हो।।

अधिक जानकारी के लिए अवश्य देखे जगत गुरु रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन साधना tv पर रात्रि 7:30 से 8:30 तक

Visit- www.jagatgururampalji.org



Wednesday, July 1, 2020

भारत को आखिर बॉलीवुड ने दिया क्या है ?

भारत को आखिर बॉलीवुड ने दिया क्या है ?

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निवेदन:- एक बार जरूर पढ़ें, बॉलीवुड ने भारत को इतना सब कुछ दिया है, तभी तो आज देश यहाँ है ...

1. बलात्कार गैंग रेप करने के तरीके।
2. विवाह किये बिना लड़का- लड़की का शारीरिक सम्बन्ध बनाना।
3. विवाह के दौरान लड़की को मंडप से भगाना
4. चोरी डकैती करने के तरीके।
5. भारतीय संस्कारों का उपहास उड़ाना।
6. लड़कियों को छोटे कपड़े पहने की सीख देना....जिसे फैशन का नाम देना।
7. दारू सिगरेट चरस गांजा कैसे पिया और लाया जाये।
8. गुंडागर्दी कर के हफ्ता वसूली करना।
9. भगवान का मजाक बनाना और अपमानित करना।
10. माँ बाप को वृध्दाश्रम छोड़ के आना।
11. गाय पालन को मज़ाक बनाना और कुत्तों को उनसे श्रेष्ठ बताना और पालना सिखाना।
12. भगवान का बनाया शुद्ध शाकाहारी भोजन ना करके कोल्ड ड्रिंक और नॉन वेज खाना श्रेष्ठ है।

हमारे देश की युवा पीढ़ी बॉलीवुड को और उसके अभिनेता और अभिनेत्रियों का अपना आदर्श मानती है.....अगर यही बॉलीवुड देश की संस्कृति सभ्यता के आदर्श संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग भारत के सभी चैनलों पर दिखायें तो सत्य मानिये हमारी युवा पीढ़ी सभी  प्रकार की बुराईयों से बची रहेगी,व रास्ते से कभी नहीं भटकेगी...
समझिये ..जानिए और आगे बढिए...
ये संदेश उन युवाओं के लिए है जो फिल्म देखकर अभिनेता,अभिनेत्री की अदाओं को देखकर आकर्षित हो जाते हैं,और उन नौंजवानों को पता भी नहीं कि उनके जीवन में रगों के माध्यम से धीमा जहर भरा जा रहा है |

एक सभ्य समाज तैयार कर रहे संत रामपाल जी महाराज का सत्संग अवश्य सुनें - 
साधना Tv पर शाम 7:30 से 8:30 तक
ओर पढ़िए पुस्तक "जीने की राह"
पुस्तक निःशुल्क प्राप्त करें - 7027000826